- देश में प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ने के साथ-साथ, जान-माल का नुकसान बढ़ता जा रहा है। हीट वेव, चक्रवात और अन्य मौसमी मार से खेती-किसानी में भारी नुकसान हो रहा है।
- इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) ने हाल ही में जारी छठी आंकलन रिपोर्ट में भारत को भविष्य में मौसम सम्बन्धी आपदाओं के बढ़ने की चेतावनी दी है।
- मौसम में आने वाले बदलाव की सबसे ज़्यादा मार कृषि क्षेत्र को झेलनी पड़ती है। केवल पिछले 4 वर्षों में 200 लाख हेक्टेयर फसल-योग्य क्षेत्र को नुकसान हुआ। भविष्य की इन चुनौतियों से निपटने के लिए अनुकूलन के प्रयासों को बढ़ाने की जरूरत है।
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